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नन्द के घर आनंद भयो, जै कन्हैया लाल से गूंज उठा पांडाल*

फतेहपुर से निर्मित द्विवेदी गोपाल की स्पेशल रिपोर्ट

  1. *नन्द के घर आनंद भयो, जै कन्हैया लाल से गूंज उठा पांडाल*

बकेवर/ फतेहपुर,17 मार्च।बकेवर क्षेत्र के ग्राम हरदासपुर में नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर में आयोजित रासलीला में  शनिवार की रात कलाकारों ने श्रीकृष्ण के जन्म का सजीव मंचन किया। जिसको देखकर श्रद्धालु हर्षित हो उठे, वृंदावन से आए कलाकारों की सुंदर प्रस्तुति ने माहौल को आनंदित बनाए रखा। श्रीकृष्ण जन्म के अलावा कलाकारों ने पूतना वध का भी मंचन  सुंदर ढंग से किया गया।

कार्यक्रम की शुरूआत आरती से हुई, जिसमें श्रद्धालुओं ने भाग लेकर पूजन-अर्चन की। इसके बाद कलाकारों ने मंचन करते हुए दिखाया कि भगवान के जन्म के समय सोए पहरेदारों का फायदा उठाकर वासुदेव कृष्ण को नंद के घर पहुंचाते हैं और वहां जन्मी कन्या को लेकर वापस जेल आते हैं। जैसे ही कंस कन्या को भूमि पर पटकना चाहता है वह हाथ से छूट जाती है और कहती है, ”हे कंस तुमको मारने वाला गोकुल में पैदा हो चुका है”। उधर नंद के घर जब भगवान श्री कृष्ण के जन्म का उल्लास था तो ब्रज में नंद के घर जमकर खुशियां मनाई गईं। बधाई गीत से पूरा वातावरण गुंजायमान हो उठा। हर तरफ – नंद घर गोपाल आयो, जय कन्हैया लाल की, आदि जयघोष लगाए गए। मंचन में आगे की प्रस्तुति में दिखाया गया कि कंस ने श्री कृष्ण को मारने के लिए पूतना को भेजा, जिसने चुपके से श्री कृष्ण को उठाया और अपना विषैला दूध पिलाकर उनको मारने का प्रयास करने लगी, पर भगवान श्री कृष्ण ने दूध के साथ-साथ पूतना के प्राण भी खींच लिए। मंचन की मनमोहक प्रस्तुति ने दर्शकों को शुरू से अंत तक पंडाल में रोके रखा। बृंदावन से आए कलाकारों ने कंस के अत्याचार से ग्रसित जनता का बड़ा ही मार्मिक वर्णन पेश किया। इस दौरान कृष्ण जन्म प्रसंग में सजी राधा कृष्ण की मनमोहक झांकी आकर्षक का केन्द्र रही।मंचन के दौरान बृन्दावन की रासलीला के कलाकार अनिल तिवारी,

दिनेश चंद्र तिवारी, उमेश तिवारी, संतोष कुमार शुक्ला, राजकमल कुशवाहा, कमलेश पासवान, श्रीचन्द्र कुशवाहा, खेमराज कुशवाहा सहित सैकड़ों श्रद्धलु उपस्थित रहे।

*नन्द के घर आनंद भयो, जै कन्हैया लाल से गूंज उठा पांडाल*

बकेवर/ फतेहपुर,17 मार्च।बकेवर क्षेत्र के ग्राम हरदासपुर में नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर में आयोजित रासलीला में शनिवार की रात कलाकारों ने श्रीकृष्ण के जन्म का सजीव मंचन किया। जिसको देखकर श्रद्धालु हर्षित हो उठे, वृंदावन से आए कलाकारों की सुंदर प्रस्तुति ने माहौल को आनंदित बनाए रखा। श्रीकृष्ण जन्म के अलावा कलाकारों ने पूतना वध का भी मंचन सुंदर ढंग से किया गया।
कार्यक्रम की शुरूआत आरती से हुई, जिसमें श्रद्धालुओं ने भाग लेकर पूजन-अर्चन की। इसके बाद कलाकारों ने मंचन करते हुए दिखाया कि भगवान के जन्म के समय सोए पहरेदारों का फायदा उठाकर वासुदेव कृष्ण को नंद के घर पहुंचाते हैं और वहां जन्मी कन्या को लेकर वापस जेल आते हैं। जैसे ही कंस कन्या को भूमि पर पटकना चाहता है वह हाथ से छूट जाती है और कहती है, ”हे कंस तुमको मारने वाला गोकुल में पैदा हो चुका है”। उधर नंद के घर जब भगवान श्री कृष्ण के जन्म का उल्लास था तो ब्रज में नंद के घर जमकर खुशियां मनाई गईं। बधाई गीत से पूरा वातावरण गुंजायमान हो उठा। हर तरफ – नंद घर गोपाल आयो, जय कन्हैया लाल की, आदि जयघोष लगाए गए। मंचन में आगे की प्रस्तुति में दिखाया गया कि कंस ने श्री कृष्ण को मारने के लिए पूतना को भेजा, जिसने चुपके से श्री कृष्ण को उठाया और अपना विषैला दूध पिलाकर उनको मारने का प्रयास करने लगी, पर भगवान श्री कृष्ण ने दूध के साथ-साथ पूतना के प्राण भी खींच लिए। मंचन की मनमोहक प्रस्तुति ने दर्शकों को शुरू से अंत तक पंडाल में रोके रखा। बृंदावन से आए कलाकारों ने कंस के अत्याचार से ग्रसित जनता का बड़ा ही मार्मिक वर्णन पेश किया। इस दौरान कृष्ण जन्म प्रसंग में सजी राधा कृष्ण की मनमोहक झांकी आकर्षक का केन्द्र रही।मंचन के दौरान बृन्दावन की रासलीला के कलाकार अनिल तिवारी,
दिनेश चंद्र तिवारी, उमेश तिवारी, संतोष कुमार शुक्ला, राजकमल कुशवाहा, कमलेश पासवान, श्रीचन्द्र कुशवाहा, खेमराज कुशवाहा सहित सैकड़ों श्रद्धलु उपस्थित रहे।

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